लिंग पुराण अट्ठारह महापुराणों में से एक है जिसमें भगवान शिव के ज्योर्तिलिंगों की कथा, ईशान कल्प के वृत्तान्त सर्वविसर्ग आदि दशा लक्षणों सहित वर्णित है। लिंग पुराण में ११,००० श्लोकों में भगवान शिव की महिमा का बखान किया गया है। यह समस्त पुराणों में श्रेष्ठ है।