वराहपुराण की श्लोक संख्या चौबीस हजार है, इसे सर्वप्रथम प्राचीन काल में वेदव्यास जी ने लिपिबद्ध किया था। इसमें भगवान श्रीहरि के वराह अवतार की मुख्य कथा के साथ अनेक तीर्थों व्रत, यज्ञ-यजन, श्राद्ध-तर्पण,…
वराहपुराण की श्लोक संख्या चौबीस हजार है, इसे सर्वप्रथम प्राचीन काल में वेदव्यास जी ने लिपिबद्ध किया था। इसमें भगवान श्रीहरि के वराह अवतार की मुख्य कथा के साथ अनेक तीर्थों (मुख्यतः सोरों सूकरक्षेत्र), व्रत, यज्ञ-यजन, श्राद्ध-तर्पण, दान और अनुष्ठान आदि का शिक्षाप्रद और आत्मकल्याणकारी वर्णन है।
The Varaha Purana includes mythology, particularly of the Varaha incarnation (avatar) of Vishnu rescuing the earth (Prithvi) at the time of a great flood. The text also includes mythology of goddesses and Shiva, and a discussion of Karma and Dharma called Dharmasamhita.